ये किसने जिद के पत्थर से, इक कलस वफ़ा का फोड़ दिया ये किसने जिद के पत्थर से, इक कलस वफ़ा का फोड़ दिया
अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे। अपना अपना करता है मन कुछ नहीं है अपना रे।
पहली बार यह ख़याल आया की कोई और है जिसने हमेशा रिश्ता निभाया गैरों ने हमे खुद से प्यार पहली बार यह ख़याल आया की कोई और है जिसने हमेशा रिश्ता निभाया गैरों ने हमे ख...
मेरा अपना होता तो जान जाता नादानियां मेरी, अफ़सोस मेरी समझदारी पर मुस्कुराती है। मेरा अपना होता तो जान जाता नादानियां मेरी, अफ़सोस मेरी समझदारी पर मुस्कुराती ...
वो लिखे, तो बेझिझक छाप देना ! वो लिखे, तो बेझिझक छाप देना !
सर्वदा सत्य है यह यथायथ यथार्थ, सार्थक सुकर्मों से ही होगा जीवन चरितार्थ। सर्वदा सत्य है यह यथायथ यथार्थ, सार्थक सुकर्मों से ही होगा जीवन चरितार्थ।